जिसे कोयल समझा वो कौवा निकला, दोस्ती के नाम पर हौवा निकला, जो रोकते थे हमें शराब पीने से, आज उन्हीं की जेब में पौवा निकला

जिसे कोयल समझा वो कौवा निकला,

दोस्ती के नाम पर हौवा निकला,

जो रोकते थे हमें शराब पीने से,

आज उन्हीं की जेब में पौवा निकला


फूल है गुलाब का,
नशा है शराब का,
हमारा तो कट गया
अब कटेगा आपका





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